Book Description »
Particulars
(विवरण)
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Details
(Size, Writer, Lang. Pages
(आकार, लेखक, भाषा,पृष्ठ की जानकारी)
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पुस्तक का नाम (Name of Book) | कुछ करवटें ऐसी (Kuch Karwatein Aisi Pdf) |
पुस्तक का लेखक (Name of Author) | कुणाल कुशवाह (Kunal Kushwah) |
पुस्तक की भाषा (Language of Book) | हिंदी (Hindi) |
पुस्तक का आकार (Size of Book) | 1 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ (Total pages in Ebook) | 60 |
पुस्तक की श्रेणी (Category of Book) | काव्य, कविता
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Kuch Karwatein Aisi Book Pdf |
रेतीले टीलों के जमघट में,सन चुका था मेरा तन,
अनदेखी अनसुलझी कितनी, गहराइयों से था बंधन,
दूर फ़लक पर तब तूने, कुछ ऐसे अपनी लट सुलझाई,
सुलग उठे थे इश्क़ में जुगनू, सुलग उठा था मेरा मन।
शाम सुनहरी थी मंज़र में, शाम के माफ़िक़ तेरा तन,
क़दम बढ़ाए तेरी ओर, तो फ़ूट-फ़ूट हो गई धड़कन,
दूरी कम हुरई थी थोड़ी, तू फिर मंद-मंद मुसकाई,
सुलग उठे थे इश्क़ में जुगनू, सुलग उठा था मेरा मन।
तेरे अधरों की लाली में डूब गया था रेत-उपवन,
कैसे तुझको बयाँ करूँ सब, घेर गई मुझको अनबन,
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