कॉर्पोरेट गुरु धीरुभाई अंबानी | CORPORATE GURU DHIRUBHAI AMBANI PDF : PRATEEKSHA TIWARI

कॉर्पोरेट गुरु धीरुभाई अंबानी | CORPORATE GURU DHIRUBHAI AMBANI PDF : PRATEEKSHA TIWARI

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कॉर्पोरेट गुरु धीरुभाई अंबानी : प्रतीक्षा तिवारी द्वारा लिखित हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | CORPORATE GURU DHIRUBHAI AMBANI IN HINDI PDF : BUSINESS HINDI AUDIOBOOK
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धीरजलाल हीराचंद्र अंबानी (धीरूभाई) अगर कुछ चाहते थे तो वह था इतनी ऊँचाई को छुना जितनी किसी ने नछुआ है और इतना श्रेष्ठ बनना जितना अब तक कोई न था। धीरूभाई वास्तव में एक उद्यमी थे, परंतु उनका करियर इतना असाधारण था कि वे एक आम व्यापारी से भी ज्यादा और शायद एक उद्योगपति से भी बढ़कर कहे जा सकते हैं। वे लाखों भारतीयों के लिए एक जननायक थे, यहां तक कि उनके लिए भी जो नतो उद्यमी थे और न ही बनना चाहते थे। धीरूभाई के बगैर कभी हम यह नहीं सीख पाते कि बड़ा कैसे सोचा जाता है। उन्होंने यहाँ-वहाँ छोटे फैक्टरी के बारे में नहीं बल्कि ऐसे विशालकाय प्लांट के बारे में सोचा जो विश्व के किसी भी बड़ी उद्योग को टक्कर दे सके तथा आधुनिकता में किसी से कम न हो। धीरूभाई ने भारत को “बड़ा सोचना” सिखाया और वे हमेशा कहा करते थे “हमारा देश बहुत बड़ा है और अगर हम बड़ा नहीं सोचेंगे तो कभी अपने सामर्थ्य को नहीं पा सकते।” भारत में “बड़ा सोचना” इतना आसान नहीं है। हमें अपने दूसरे वक्‍त की रोटी की चिंता से ही इतना वक्‍त नहीं मिलता कि किसी और चीज के बारे में सोच सकें। पिछले हजारों सालों से हमने कुछ बड़ा नहीं सोचा है। हम सिर्फ अपने दूसरे वक्‍त की रोटी, अगले वेतन, अगली नौकरी, या अगले चुनाव के बारे में ही सोच सकते हैं। अपनी अगली पीढ़ी के बारे सोचना तो दूर की बात है, अगले साल या कल के बाद के बारे में सोचना भी संभव नहीं। हम इतने गरीब हैं कि हर चीज़ छोटी और क्षुद्र, अध-आवधिक तथा अस्थायी और अल्पआयु ही लगती है। धीरूभाई ने बड़ा सोचना कैसे सीखा?… वह गुजरात के छोटे से गांव में स्कूल शिक्षक के बेटे थे।

Listening Duration  2 hours and  15 Minutes
Author Business Books 
Source or Publisher YT
Language Hindi
Category Self-help, Business Books

कॉर्पोरेट गुरु धीरुभाई अंबानी (Corporate Guru Dhirubhai Ambani in hindi Audiobook) ऑडियोबुक के कुल 5 भाग (Parts) है | इस पुस्तक पहला भाग (Part) ऊपर दिया गया है और यदि आप इस ऑडियोबुक को पूरा फ्री में सुनना चाहते है तो नीचे क्लिक करके सुन सकते है|

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author/ प्रतीक्षा तिवारी
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